________________ धुवभावो सिद्धाणं छम्मासादारओ वि गमणं च / कालो य अपरिमाणो उच्छेदो कह ण भव्वाणं ? // 1392 // ते वि अपरिमाण च्चिय जम्हा तेणं ण तेसिमुच्छेदो / समयाण व तीतेण वोच्छेज्जिज्जऽण्णधा ते तु // 1393 // तम्हाऽतीतेणाणादिणा वि तेसिं जथा ण वोच्छेदो / तह चेवऽणागतेण वि अणंतभावा मुणेयव्वो // 1394 // एवमिह समासेणं भणितो धम्मो सुताणुसारेणं / आताणुसरणहेतुं केसिंचि तहोवगाराय // 1395 // काऊण पगरणमिणं पत्तं जं कुसलमिह मया तेण / दुक्खविरहाय भव्वा लभंतु जिणधम्मसंबोधिं 1396 // // उपदेशपद // नमिऊण महाभागं तिलोगनाहं जिणं महावीरं / लोयालोयमियंकं सिद्धं सिद्धोवदेसत्थं . वोच्छं उवएसपए कइइ अहं तदुषदेसओ सुहुमे / भावत्थसारजुत्ते मंदमइविबोहणट्ठाए // 2 // लखूण माणुसत्तं कहंचि अइदुल्लहं भवसमुद्दे / सम्मं निउंजियव्वं कुसलेहिं सया वि धम्मम्मि अइदुल्हं च एयं चोल्लगपमुहेहि अत्थ समयम्मि / भणियं दिटुंतेहिं अहमवि ते संपवक्खामि // 4 // चोल्लग 1 पासग 2 धण्णे 3 जूए 4 रयणे 5 य सुमिण 6 चक्के 7 य। चम्म 8 जुगे 9 परमाणू 10 दस दिटुंता मणुयलंभे // 5 // चोल्ल त्ति भोयणं बंभदत्तपरिवार भारहजणम्मि / सयमेव पुणो दुलहं जह तत्थ तहेत्थ मणुयत्तं _ 117