________________ एवं च नज्जइ तओ चेट्ठाओ चेव साहुसक्खि व्व / ववहारेणं निच्छि(च्छ) यभावेण उ आगमातो त्ति // 1200 // सम्मेतरचेट्ठाणं अस्थि विसेसो निमित्तभेदातो / एत्तो च्चिय हेऊतो नज्जइ सो बुद्धिमंतेणं // 1201 // तप्पडिबद्धं लिंगं न दिट्ठमंधेण ण य तओ नत्थि / आवरियबुद्धिचक्खू पेच्छति कहमायधम्मं तु ? // 1202 // जह चेव अपच्चक्खो आया ईहादिएहि लिंगेहिं / गम्मइ तहेव भासादिलिंगओ वीयरागो वि // 1203 // सव्वं च जाणइ तओ पच्चक्खेणेव ण पुण सव्वेहिं / भिनिदियावसेयादिभणियदोसो. वि ण य एत्थ // 1204 // अन्नं अतिंदियं जं पच्चक्खं तेण जाणई सव्वं / तब्भावम्मि पमाणं पगरिसभावो उ नाणस्स // 1205 // बोहपरिणामलक्खणमिह सिद्धं आतदव्वसामन्नं / तस्साइसयो दीसइ अज्झथणादीसु किरियासु // 1206 // केइ तिसंथदुसंथा केइ बहुबहुतरन्नुणो एत्थ / संभाविज्जइ तम्हा पगरिसभावो वि णाणस्स // 1207 // सोइंदियदारेणं नियनियविसएसु चेव जुत्तो ति / पावइ अतिप्पसंगो अन्नह परियप्पणे नियमा // 1208 // मोत्तूण इंदिए जं पाइभणाणस्स दीसती वुड्डी / / आवरणहासओ ता सयलत्थपगरिसो (सओ)अन्नो // 1209 // होति य पातिभणाणं असेसरूवादिवत्थुविसयं पि / पच्चक्खादधिगतरं तग्गयपज्जायगमगं तु // 1210 // अविसंवादि य एतं सुए इमं होहिइ त्ति हिययं मे / / कहइ तह च्चिय नवरं तं जायइ अविवरीआओ // 1211 / / 101