________________ 379 2333 526 1555 के मध्य का कोई लेख मुद्रित नहीं हुआ है। 'गच्छाधीशो राजते सच्चरित्र: पद्मानन्दः सूरिराजः सुकीर्त्या' (प्रशस्ति पद्य 37) से स्पष्ट है ये उस समय तक विद्यमान थे। श्री नन्दीवर्द्धनसूरि का सर्वप्रथम लेख 1554 का और अन्तिम लेख 1577 का प्राप्त है। इन आचार्यद्वय के प्रतिष्ठित समस्त लेखों की संवत्वार तालिका मुद्रित ग्रन्थों के आधार पर इस प्रकार है:पद्माणंदसूरि क्रमांक संवत् लेखांक पुस्तक का नाम 1504 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1505 1207 बीकानेर जैन लेख संग्रह 3 1507 422 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1509 441 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1509 -1222 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1509 1240 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1509. 438 जैनधातु प्रतिभा लेख संग्रह, भाग 2 1509 1174 नाहर-जैन लेख संग्रह, भाग 2 1512 नाहर-जैन लेख संग्रह, भाग 3 1512 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1512 956 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1512 2486 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1513 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1513 969 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1513 1473 नाहर-जैन लेख संग्रह, भाग 2 1515 2412 नाहर-जैन लेख संग्रह; भाग 3 1517 1000 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1517 जैनधातु प्रतिभा लेख संग्रह, भाग 1 1518 581 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1518 दौलतसिंह-जैन प्रतिमा लेख संग्रह 21 . 1520 2747 बीकानेर जैन लेख संग्रह 22. 1520 176 कान्तिसागर-जैन धातु प्रतिमा लेख 1520 2166 नाहर-जैन लेख संग्रह, भाग 3 1521 1251 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1521 दौलतसिंह-जैन प्रतिमा लेख संग्रह 1523 629 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1523 190 कान्तिसागर-जैन धातु प्रतिमा लेख. 1524 1038 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1527 698 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1528 702 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1529 715 विनयसागर-प्रतिष्ठा लेख संग्रह 1529 1063 बीकानेर जैन लेख संग्रह 1529 1535 बीकानेर जैन लेख संग्रह लेख संग्रह 315 1000 269 .33 21