________________ . सिरि मल्लिणाह-थुत्तं सिरिमल्लिनाह ! मिहिलं मोह वसं बोहि उं जयंताओ। फग्गुण-सुद्ध-चउत्थीइ इत्थिरूवोऽवइन्नोसि॥ 1 // मग्गसिर-सुद्ध-इकारसीइ कुंभप्पभावईण तुमं। कलसंक नीलवन्नो पणुवीस धणू सिओ जाओ // 2 // कुमरोसि वच्छर सयं कुमार अट्ठमेण सह संबे। जम्मतिहीए तिहिं तिहिं नर सएहिं नीह रिओ // 3 // तम्मि दिणे अवर हे नाणं पत्तोसि तम्मि चेव वणे। जायं पायसमसणं बीयदिणे विस्ससेणाओ॥ 4 // गणहर अट्ठावीसा. कमसो तुह साहु णी सहसा। चालीसा पणपन्ना भत्ता य कु बेर-वइरोट्टा // 5 // तह अजिओ नर नाहो तुहाउ पणपन्नवाससह साइं। सयहीणाइं तु वयं गयम्मि अरजिणवरिंदाओ॥ 6 // वासाण को डिसह सो सम्मेए पंचपंचहि सहे हिं / साहू ण साहु णीणं फग्गुण-सिय-बारसीइ तुमं // 7 // . उत्तरिय दुत्तराओ अणाइभवपंक ओ दुरवयारे / निम्मग्गोऽणंतपए अणंतविरिओसि तु ज्झ नमो // 8 // *** सिरि मुणिसुव्बयणाह-थुत्तं / सिरिमुणिसुव्वय! अवराइयाउ अवराइयं पयं पत्तं / पुन्ना-वण सावण पुनिमाइ उइन्न तुज्झ नमो // 1 // रायगिहे. सामंगो सुमित्त-पउ मावईण जाओसि / जिट्ठ बहु लट्ठ मीए कुम्मको वीस धणुमाणो // 2 // अद्धट्ठ माइं कुमरो वास-सहस्साइं पनर स-नरिंदो। , होउं नरसह सजुओ नीलगुहाए विहि यछट्ठो // 3 // सुद्धाए फग्गुण-बार सीइ नीह रिय पर दिणे पत्तो / तं बंभदत्त पायसमह पक्खूणे गए वंरिसे // 4 // तम्मि वणे फगुण-बार सीइ बहु लाइ लद्ध-नाणस्स। अट्ठारस गणहारी तुह सि मुणि तीस-सह सा य॥ 5 // पन्नास सहस्सा साहु णीण भत्ता य वरुण-नर दत्ता। विजयनिवोवि य तुह वयमद्धट्ठ मवाससह साइं // 6 // तीसं आउं चउ पन्ना-वास-लक्खे हिं मल्लिनाहाओ। जिट्ठ-सिय-नवमीए सम्मेए समण-सह सेणं॥ 7 // भववाडियाइ-चउ गइ चउरं काउं तुमं सभत्तीए। पत्तो सिद्धिं मह पहु पहु त्तसरिसं फलं देसु // 8 // *** 206 लेख संग्रह