________________ (4) बीस लाख अष्टापद जितने उ. (1)समस्त शलाका पुरूष देवलोक या शक्तिशाली / नरक से ही आते हैं। (5)सोलह हजार देशों एवं सोलह (2)तीर्थंकर नियमतः मोक्षगामी होते हैं। हजार नरेशों के अधिपति / (3)चक्रवर्ती दीक्षा लेता है तो स्वर्ग (6)सोलह हजार रानियाँ / अथवा मोक्ष में जाता है। दीक्षा न ले (7)तीन खण्डों के अधिपति / तो अवश्यमेव नरकगामी होता है। (8)सात रत्नों के स्वामी / (4)वासुदेव एवं प्रतिवासुदेव अन्तराय प्र.50. बलदेव की व्याख्या कीजिये / कर्मोदय से छोटा प्रत्याख्यान भी उ. (1) बलदेव और वासुदेव, दोनों भाई होते हैं। नहीं कर पाते हैं और मरकर उनके पिता एक एवं माता नियमतः नरक में ही जाते हैं। अलग-अलग होती है। (5)वासुदेव की मृत्यु के उपरान्त (2) माता चार महास्वप्न देखती है। वैराग्यवासित होकर बलदेव दीक्षा (3)बलदेव का छोटे भाई वासुदेव से लेता है और मोक्ष अथवा देवलोक में अतिशय प्रेम होता है कि मरने के जाता है। बाद भी उसे जीवितं समझकर छह (6)तीर्थंकर से तीर्थंकर, चक्रवर्ती से माह तक अपने पास रखते हैं। चक्रवर्ती, चक्रवर्ती से वासुदेव एवं * (4)बलदेव की चार हजार देव आज्ञा वासुदेव से वासुदेव कभी नहीं शिरोधार्य करते हैं। मिलते हैं। (5)इनके हल, मूसल आदि शस्त्र होते (7)तीर्थंकर और चक्रवर्ती मिलते हैं, जैसे-ऋषभ और भरत। प्र.51. प्रतिवासुदेव की कौनसी विशिष्टताएँ (8)तीर्थंकर और वासुदेव मिलते हैं, होती है? यथा-नेमिनाथ और श्रीकृष्ण। उ. (1) निदानपूर्वक होता है। (9) तीर्थंकर उसी भव में चक्रवर्ती भी बन (2)तीन खण्ड से कुछ कम का सकते हैं, यथा-शान्तिनाथ, कुंथुनाथ, ___ अधिपति होता है। अरनाथ। (3) उसकी मृत्यु निश्चित् रूप से वासुदेव (10) एक समय में एक साथ एक के द्वारा होती है। तीर्थंकर एवं एक चक्रवर्ती होते हैं प्र.52. त्रिषष्ठिशलाका पुरूषों की पूर्व भव .. अथवा एक तीर्थंकर, वासुदेव, ___ एवं परभव की विशेषता बताओ। बलदेव एवं प्रतिवासुदेव होते हैं।