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________________ नवग्रह दोष निवारण विधि प्र.639. नवग्रह कौन कौनसे हैं? उ. 1. सूर्य, 2. चन्द्र, 3. मंगल 4. बुध, 5. गुरू, 6. शुक्र, 7. शनि, 8. राहु, 9. केतु। प्र.640. नवग्रह पूजा विधि बताईए। उ. 1. ग्रह के वर्णानुरूप पवित्र वस्त्र धारण करना। 2. आसन एवं माला भी उसी वर्ण की धारण करना। 3. प्रभु प्रतिमा, चित्र अथवा फोटो की स्थापना कर उसके सम्मुख नवग्रह पट्ट स्थापित करना। 4. सात प्रकार की शुद्धियों का ध्यान रखना। 5. मुख पूर्व या उत्तर की तरफ रखना। 6. मंत्र जाप से पूर्व आत्म रक्षा स्तोत्र से शरीर का रक्षा कवच तैयार करना। 7. जैन परम्परा के प्रतिष्ठित श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी विरचित श्री नवग्रह शान्ति स्तोत्र का पाठ करना। 8. जाप शुरू करने पूर्व नवकार की एक माला अवश्य गिनना। प्र.641. नवग्रहों के प्रभाव का नवकार आराधना से कैसे निवारण करें? उ. 1. सूर्य - ॐ ह्रीं ह्रीं हैंसूर्याय नमः की एक माला तत्पश्चात, ॐ ह्रीं नमो सिद्धाणं का 21 दिनों में 12500 जाप करके मंत्र सिद्ध करें। 2. चन्द्र- ॐ श्रीँ श्रीं श्रौं सोमाय नमः (एक माला) ॐ ह्रीं नमो अरिहंताणं (12500 जाप/21 दिन) 3. मंगल- ॐ क्रीँ क्रीं क्रौं कुजाय नमः (एक माला) ॐ ह्रीं नमो सिद्धाणं (12500 जाप/21 दिन) 4. बुध- ॐ ब्राँ ब्री ब्रौ बुधाय नमः (एक माला) ॐ ह्रीं नमो उवज्झायाणं (12500 जाप/21 दिन) 5. गुरू-ॐ जाँ जी जौँ जीवाय नमः (एक माला) ॐ ह्री नमो आयरियाणं (12500 जाप/21 दिन) 6. शुक्र- ॐ द्रा द्रीं द्रौं शुक्राय
SR No.004444
Book TitleJain Jivan Shailee
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar, Nilanjanashreeji
PublisherJahaj Mandir Prakashan
Publication Year2012
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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