________________ विधि- नवकार मंत्र के प्रथम पांच परमेष्ठी पद | एवं शेष चार चू लि काएँ कहलाती हैं। इस हस्तांगुली जाप में प्रथम चार पदों का जाप बायें हाथ की तर्जनी, मध्यमा, अनामिका एव कनिष्ठिका के ऊपर के पोरवे पर करने के बाद पंचम पद एवं तीन चूलिका का जाप क्रमशः दायें हाथ की कनिष्ठिका, अनामिका, मध्यमा एवं तर्जनी के ऊपर के पोरवे पर करें। अन्तिम चूलिका पढमं हवइ / मंगलम् का जाप तर्जनी के मध्य के पोरवे पर करें। फिर नवकार के शुरू के तीन पदों का जाप मध्यमा, अनामिका एवं कनिष्ठिका के मध्यवर्ती पोरवों पर करें। शेष दो पदों एव प्रथम दो चूलिकाओं का जाप बायें हाथ की कनिष्ठिका, अनामिका, मध्यमा एवं तर्जनी के मध्यवर्ती पोरवों पर करते हुए अन्तिम दो चूलिका एवं प्रथम दो पदों का क्रमशः तर्जनी, मध्यमा, अनामिका एवं कनिष्ठिका के नीचे के. पोरवों पर करें। तदुपरान्त दायें हाथ की कनिष्ठिका, अनामिका, मध्यमा एवं तर्जनी पर शेष तीन पदों एवं प्रथम चूलिका का जाप करें। उसके बाद पुनः संख्यानुसार आगे का जाप करते जाये।