________________ हस्तांगुली जाप प्र.616. हस्तांगुली जाप किसे कहते हैं? अथवा अनुपयोगी कहने से मृषावाद उ. जिस जाप में अंगूठे को अंगुलियों का दोष लगता है। दोनों जाप पर फिराते हुए मंत्र जाप किया अपने अपने स्थान पर सार्थक एवं जाता है, उसे हस्तांगुली जाप सम्यग् है। परन्तु निष्कर्ष रूप में यह कहते है। अवश्य कहा जा सकता है कि इस जाप में जप माला करमाला जाप में माला का प्रयोग (नवकारवाली) का उपयोग नहीं नहीं होने से कहीं पर भी करना किया जाता है। सम्भव है। प्र.617.इस जाप को अन्य किन नामों से यह जाप अपने आप में श्रेष्ठ एवं पुकारा जाता है? फलदायक है। आवर्त क्रिया से उ. इसे आवर्त जाप और कर माला ध्यान/जाप से मन अधिक स्थिर जाप भी कहा जाता है। आवर्त यानि एवं ध्येय के प्रति एकाग्र बनता है। दोहराना। इसमें अंगूठे को अपने इससे आसन भी जम जाता है। हाथ की चारों अथवा तीन अंगुलियों प्र.619. पांच अंगुलियां कौन कौनसी के पोरवों पर मंत्र को दोहराते हुए पुनः पुनः विधि अनुसार फिराया उ. पांचों अंगुलियों को नामपूर्वक इस जाता है, अतः इसे आवर्त जाप कहा ' प्रकार पहचाना जा सकता है - जाता है। हाथों की अंगुलियों का / 1. अंगुष्ठ - सर्वविदित है। प्रयोग/उपयोग होने से यह कर 2. तर्जनी - अंगुष्ठ के निकट माला जाप के नाम से भी प्रसिद्ध है। ___ वाली अंगुली। प्र.618. क्या यह जाप विधि जपमाला 3. मध्यमा - पांचों अंगुलियों के जाप विधि से ज्यादा बीच वाली अंगुली। प्रभावशाली है? 4. अनामिका - मध्यमा और उ. एकान्त दृष्टि से किसी विधान/ कनिष्ठिका के मध्य. वाली क्रिया/वस्तु को सर्वथा उपयोगी अंगुली।