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________________ रख देवे-जैसे1. रात्रि भोजन यानि नरक ले जाने वाला Highway. . 2. प्राण जाये पर कंदमूल न खाये। 3. अभक्ष्य का करो परिहार। वरना नरक में पड़ेगी मार / / 4. कम खाना, बार-बार नहीं खाना। यह महावीर प्रभु का है फरमाना / / 5. खायेंगे आलू तो बनेंगे भालू / 6. खाओगे यदि गाजर मूली / ___ तो चढ़ोगे दुःख की शूली।। -शयन कक्ष में आर्य स्थूलिभद्र विजय, सेठ एवं विजया सेठानी की प्रतिकृति रखें ताकि चारित्र एवं ब्रह्मचर्य की प्रेरणा मिलती रहे एवं शील की सुगंध बिखरती रहे। प्र.561.परिवार को संस्कारों से समृद्ध कैसे बनाया जावे? उ. परिवार में यदि धर्म व व्यवहार की समझ मिलती रहे तो वह परिवार स्वतः संस्कारों को प्राप्त कर लेता है / इस हेतु निम्न बिन्दुओं को स्मरण में रखें(1)बच्चों में धर्म के बीजों का वपन करना यथा मंदिर-दर्शन व पूजन, गुरु-वंदन, प्रवचन- श्रवण, सामायिक, पूजा, प्रणाम आदि। __ (2)परिवारजनों को समझाकर चार महाविगय एवं सप्त व्यसनों का त्याग करवाना। (3)प्रातःकाल नवकार जाप, भक्तामर, प्रभु-प्रार्थना से मन को सुन्दर एवं निर्मल बनाना। (4)रविवार आदि छुट्टी के दिनों में घुमने, टी.वी., गपशप, ताश आदि मनोरंजन में समय न गंवाकर सामूहिक तत्त्वचर्चा व सामायिक की साधना करें एवं बच्चों को हित शिक्षाएँ दें। (5)बच्चों की दिनचर्या का एवं हाथ खर्ची (Pocket Money) का पूरा ध्यान रखना। (6)टी.वी. के रोग से बच्चों को दूर रखें। केबल; चैनल के कनेक्शन नहीं लेना। ये परिवार की शोभा नहीं बल्कि बरबादी के कारण हैं। टी.वी. यानि पाप की बीवी। यह अकेली कभी भी नहीं आती। अधर्म और अश्लीलता का दहेज साथ में लेकर आती है। टेलीविजन के चामत्कारिक कार्यक्रमों के चक्कर में कितने ही निर्दोष बच्चे मौत के मुँह में पहुँच गये, लड़केलड़की घर से भाग गये, पुत्रों ने पैसे
SR No.004444
Book TitleJain Jivan Shailee
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar, Nilanjanashreeji
PublisherJahaj Mandir Prakashan
Publication Year2012
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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