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________________ - मजेदार (?) पदार्थों का परिहार प्र.534.आईसक्रीम क्यों नहीं खानी स्वर नली में सूजन, खांसी, कफ चाहिये? आदि रोग हो जाते हैं। इसलिये उ. सुई जितने बर्फ के अंश पर असंख्य आरोग्य लाभार्थ चिकित्सक भी बर्फ, जीव होते हैं अतः उनकी विराधना का आईसक्रीम के त्याग की सलाह देते हैं। पाप लगता है। बाजार की बर्फ अभक्ष्य होने के साथ-साथ आईसक्रीम में गाय, भैंस की हड्डियों स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। का चूर्ण एवं चर्बी मिलायी जाती है। यह पाचन शक्ति को मंद करता है। बासी, बिना छने दूध का प्रयोग होने अनेक रोगों की उत्पत्ति में बर्फ बीज से त्रस जीवों के भक्षण का महापाप का काम करता है। लगता है। धर्म की दृष्टि से भी यह सर्वथा त्याज्य प्र.535. क्या आईसक्रीम शरीर पर भी बुरा / है। यह जिसमें गिरता है, उसमें रहे प्रभाव डालती है? . हुए त्रस-स्थावर जीवों को नष्ट कर उ. हाँ! बाजार की वेनिला, चोकोबार, डालता है। वाडीलाल, सॉफ्टी, मेंगो बार, किंग प्र.536.क्या घर की बनी आईसक्रीम खा कोन, कारनेटो आदि में स्ट्राबेरी, सकते हैं? केला, मेवा, खजूर, पायनेपल आदि उ. बाजार की आईसक्रीम तो सर्वथा का स्वाद लाने के लिये डीथिल, त्याज्य है। घर की आईसक्रीम फ्रीज एल्डीहाइड्सी, आर्टिफिशियल में बनती है इसलिये अभक्ष्य एवं स्वीटनर्स आदि रासायनिक त्याज्य है। पदार्थ मिलाये जाते हैं जो कि स्वास्थ्य प्र.537.महाराजश्री! जब बर्फ और पानी, के लिये अत्यन्त हानिकारक एवं दोनों में असंख्य जीव कहे गये हैं, केंसर उत्पादक तत्त्व कहे गये हैं। तो फिर एक भक्ष्य और दूसरा ये पदार्थ आंतों को हानि पहुंचाते हैं। अभक्ष्य क्यों? पाचन क्रिया को असंतुलित करते हैं। उ. 1. पानी का उपयोग जीवन की मजबूरी है इससे अजीर्ण, टॉन्सिल्स, अन्ननली जबकि बर्फ के बिना भी जीवन निर्वाह - एवं * * * ***** 207 *** ***** *
SR No.004444
Book TitleJain Jivan Shailee
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar, Nilanjanashreeji
PublisherJahaj Mandir Prakashan
Publication Year2012
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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