________________ जैन आहार मीमांसा 1. कैसे करे भोजन ? 2. अभक्ष्य का भक्षण : बढे जन्म-मरण 3. सप्त व्यसन : नरक का द्वार 4. द्विदल अर्थात् पापों का दल दल 5. रात्रि भोजन : दुर्गति का कारण 6. चलित रस का करें निषेध 7. अनन्तकाय का भोजन : अशाता का सर्जन 8. मजेदार (?) पदार्थों का परिहार 9. जितनी जयणा, उतनी शाता