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________________ प्र.410.अंगुष्ठ पूजा क्यों की जाती है? उ. ललाट जिस प्रकार समस्त अंगों में उ. आत्मकल्याण एवं केवलज्ञान की सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं श्रेष्ठ प्राप्ति हेतु परमात्मा ने चरणों से विहार है, उसी प्रकार परमात्मा तीनों लोकों किया था और मुझे भी ऐसा कायिक में विशिष्ट, पूज्य एवं सेव्य होने से प्रभु बल मिले ताकि मैं भी विहार कर सकू के ललाट की पूजा की जाती है। " इस शुभ लक्ष्य से अंगुष्ठ पूजा की प्र.415. मस्तक पूजा का क्या रहस्य है? जाती है। उ. मस्तक बुद्धि का निवास स्थल है। प्र.411.घुटनों की पूजा का लक्ष्य क्या है? परमात्मा ने बुद्धिनिधान होने पर भी उ. जिस प्रकार साधनाकाल में प्रभु ने उसका दुरुपयोग अथवा अहंकार घुटनों के बल खड़े रहकर साधना नहीं किया, उसी स्थिति की प्राप्ति के की थी, वैसी शक्ति की प्राप्ति के लिये लिये मस्तक पूजा की जाती है। घुटनों की पूजा की जाती है। प्र.416. कंठ पूजा का कारण क्या है? प्र.412. हाथों की पूजा क्यों की जाती है? उ. परमात्मा ने जन कल्याण के लिये उ. जिस प्रकार प्रभु ने वर्षीदान देकर देशना दी थी, उसी हेतु से प्रभु की बाह्य निर्धनता को एवं दीक्षा दान कंठ.पूजा की जाती है। करके आन्तरिक दरिद्रता को दूर प्र.417.हृदय पूजा से क्या अभिप्राय है? किया था, उसी प्रकार मैं भी संयम पथ . अपनाकर भाव जगत की दरिद्रता दूर उ. परमात्मवत् उपकारी एवं अपकारी, कर सकू, अतः हाथों की पूजा की समस्त जीवों पर समभाव जगाने हेतु जाती है। हृदय की पूजा की जाती है। प्र.413. स्कंध पूजा से क्या अभिप्राय है? प्र.418. नाभि पूजा क्यों की जाती हैं? उ. स्कंध अभिमान के प्रतीक हैं परन्त उ. नाभि में स्थित कर्मरहित आठ रूचक परमात्मा ने स्वयं की ज्ञान व ध्यान प्रदेशों की भाँति कर्म मुक्ति की मंगल शक्ति का कभी भी अभिमान नहीं भावना से नाभि की पूजा की जाती है। किया। उनकी तरह मैं भी निरभिमानी प्र.419.अष्टप्रकारी पूजा के रहस्य को बनूं, इस अभिप्राय से प्रभु की स्वध स्पष्ट करो। पूजा की जाती है। उ. 1. जल पूजा- आत्मा पर लगा कर्मों प्र.414. ललाट की पूजा किस लक्ष्य से की का मल एवं मेल को मिटाकर जाती है? निर्मल बनने के लिये।
SR No.004444
Book TitleJain Jivan Shailee
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManitprabhsagar, Nilanjanashreeji
PublisherJahaj Mandir Prakashan
Publication Year2012
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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