________________ भहस्स मोक्लो। 123 छ पुव्वलक्खाइं वइक्कमेइ, वइक्कमित्ता समुप्पण्णकेवलणाणो वीसाणुग्गहणटुं दिवसं दिणयरुव्व पुव्वलक्खं विहरिऊण इअ चउरासीई पुव्वलक्खाई नियाउसेण अइक्कमिऊण सो भरहो महप्पा मोक्खं गच्छित्था / तइआ पमुइयचित्तेहिं देवेहिं समं सक्कण तस्स निव्वाणमहसवो विहिओ। एवं पहुपुत्वभवा, वुत्ता तत्तो य कुलयरुप्पत्ती / सामिस्स जम्मणं तह, विवाह-ववहार-दसणयं // 1 // रज्जं दिक्खा नाणं, जिणस्स तह चेव भरहभूवस्स / चक्कित्तं पहुणो तह, कमेण चक्किस्स सिवपत्ती // 2 // एयम्मि पढमवग्गे जं, इह घुत्तं वियणहिट उद्देस्रगाण छक्क, हरेउ दुरियाणि तं निच्चं // 3 // ... इअ सिरितवागच्छाहिवइ-सिरिकयंबप्पमुहाणेगतित्थोद्धारग-सासणप्पहावग-आबालबभ यारि-सूरीसरसेहरायरिय-विजयनेमिसूरीसर-पट्टालंकार-समयण्णु-संत मुत्ति-वच्छल्लवारिहि-आयरिय-विजयविण्णाणसूरीसर-पट्टधर-सिद्धंतमहोदहि- पाइअभासाविसारय-विजयकत्थूरसूरिविरइए महापुरिसचरिए पढमवग्गम्मि मरीइभव-भाविसलायापुरिस-उसहसामिनिव्वाण-भरहनिव्वाण सरूवो छट्ठो उदेसो समत्तो य सिरिउसहसामि-भरहचक्कवट्टिपडिबद्धो पढमो वग्गो // 1 // मुंबापुरीइ मझे, सिरिगोडीपासणाहसंणिज्झे / रइयं एवं चरियं, रस--ससि-नंह-नयणवरिसम्मि // 1 // जिणसासणं जयइ जा, दिणयरससिणो तहा य लोगम्मि / ताव भवियाण कंठे सया वसेज्जा इमं चरियं // 2 //