________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 567 मूल क्रमांक आगमसूत्रनाम श्लोक प्रमाण वृत्ति वृत्ति-कर्ता श्लोकप्रमाण (?) 500 28 तन्दुल वैचारिक 29 |संस्तारक 110 1560 105 30 गच्छाचार 31 | गणिविद्या 32 | देवेन्द्रस्तव 33 मरणसमाधि 34 | निशीथ 375 837 28000 500 विजयविमलगणि 155] गुणरत्न सूरि (अवचूरि) 175 विजयविमलगणि ___105| आनन्दसागरसूरि (संस्कृतछाया) 375| आनन्दसागरसूरि (संस्कृतछाया) 837 | आनन्दसागरसूरि (संस्कृतछाया) 821| जिनदासगणि (चूर्णि) सङ्घदासगणि (भाष्य) 473 | मलयगिरि+क्षेमकीर्ति सङ्घदासगणि (भाष्य) 303] मलयगिरि | सङ्घदासगणि (भाष्य) 896 - ? - (चूर्णि) 130 सिद्धसेनगणि (चूर्णि) 7500 35 बृहत्कल्प 42600 7600 36 व्यवहार 34000 6400 2225 37 | दशाश्रुतस्कन्ध 38 जीतकल्प 39 महानिशीथ 1000 4548 22000 (?) 7500 7000 40 आवश्यक 41 | ओघनियुक्ति पिण्डनियुक्ति दशवैकालिक 43 | उत्तराध्ययन 44 | नन्दी 45 अनुयोगद्वार 130 हरिभद्रसूरि | नि.१3५५ | द्रोणाचार्य नि.८3५ मलयगिरि 835| हरिभद्रसूरि ___ 2000 शांतिसूरि 700 मलयगिरि / 2000 मलधारी हेमचन्द्रसूरि 7000 16000 7732 5900 कुवासनापाशविनाशनाय, नमोऽस्तु तस्मै तव (जिन) शासनाय / // जैनं जयति शासनम् //