________________ परम पूज्य कलिकालसर्वज्ञकल्प भट्टारक गुरुदेव प्रभुश्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज द्वारा वि.सं. 1955 फागण वद 5 गुरुवार को 951 जिनबिम्बो की अंजनशलाका करवाने वाले बाफना मूथा जसराजजी जीतमलजी के वंशज मूथा मिश्रीमलजी, पुत्र डॉ. चम्पालाल, मदनलाल, पुत्रवधु लीलादेवी, शान्तिदेवी, पौत्र आनन्द, राज, सुशीलकुमार, विजयकुमार, विशालकुमार, प्रपौत्र राहुलकुमार, रोशनकुमार... आहोर... आप जीवन पर्यन्त श्री पार्श्वनाथ जैन नवयुवक मण्डल स्व. मूथा मिश्रीमलजी सूरजमलजी बाफना आहोर के कोषाध्यक्ष पद पर रहे / आहोर कटारिया संघवी स्वर्गस्थ भगवानचंदजी थानमलजी धर्मपत्नी श्रीमती मोतीबाई, पुत्र पौत्र जयन्तीलाल, किशोरकुमार, प्रवीणकुमार... आहोर... आपके मात-पिताजी ने वि.सं. 1995 वैशाख सुदि 1 को भव्य महोत्सव सह परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पति श्री आचार्य देव श्रीमद् विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के आचार्यपद प्रदान में बडी नवकारशी करके साधर्मिक भक्ति का लाभ प्राप्त किया था। संघवी भगवानचंदजी थानमलजी स्वर्गवास : वि.सं. 1995 भादवा सुदी 1 वि.सं. 2035 फागण सुदी 15