________________ मुथा शान्तिलालजी वक्तावरमलजी आहोर (राजस्थान) श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन (श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी हिन्दी टीका) मुथा जसरुपजी जितमलजी के वंशज ऐसे आप अपने जीवन में ज्ञान भक्ति साधर्मिक भक्ति एवं म नि मण्डल व साध्वी मण्डल के सभी प्रकार की सेवा भक्ति में अग्रगण्य रहते हुए लाभ प्राप्त करते रहते है श्री मोहनखेडा तीर्थ जिर्णोद्धार की संपूर्ण देखरेख करते हुए जिन मन्दिर के खात मुहूर्त का लाभ प्राप्त किया एवं जालोर जिल्ला जैन संमेलन 1956 में हुआ था उसमें व कलिकुंड तीर्थ से छरिपालक संघ में एवं परमपूज्य आचार्य श्रीमद विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म. के आचार्यपद प्रदान महोत्सव में आदि उपरोक्त सभी समारोह में एवं नवकारशी करने का लाभ लेकर भक्ति का परिचय दिया। गुरुदेव आपश्रीको दीर्घ आयु प्रदान करे व आप इसी प्रकार चतुर्विध संघ की सेवा भक्ति करते यशस्वी जीवन जिए यही मंगल कामना / सं. 1990 कार्तिक वदि 8 दिनांक 12-10-1933 : फर्म : सेठ शान्तिलाल एण्ड कम्पनी तनकू (आन्ध्र प्रदेश)