________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी-टीका // 1-1-1-1 // 2. 3. नाम निष्पन्न निक्षेप. सूत्रालापक निष्पन्न निक्षेप. 1. ओघनिष्पन्न निक्षेप... अंग... श्रुतस्कंध... अध्ययन... उद्देश... आदिका सामान्यसे कथन... नामनिष्पन्न निक्षेप... आचार... शस्त्रपरिज्ञा... आदि विशेष नामके कथनसे व्याख्या करना... सूत्रालापक निष्पन्न निक्षेप... सूत्र के आलापकके एक एक शब्दका विशेष रूपसे व्याख्या करना... अब तीसरा द्वार है "अनुगम"... अनुगम याने अर्थका कथन... जिस प्रकारसे एक एक सूत्रके अर्थका स्पष्ट कथन हो शके उसे अनुगम कहते हैं.... वह अनुगम दो प्रकार से हैं... 1. नियुक्ति - अनुगम.... 2. सूत्र - अनुगम... अब जो नियुक्ति-अनुगम है वह तीन प्रकारका है... 1. निक्षेप नियुक्ति अनुगम... 2. उपोद्घात नियुक्ति अनुगम... 3. सूत्र स्पर्शिक नियुक्ति अनुगम... अब जो निक्षेप नियुक्ति अनुगम है - वह "निक्षेप" द्वार में हि सामान्य एवं विशेष कथनरूप ओघनिष्पन्न एवं नामनिष्पन्न के माध्यमसे हि कहे जा चूके है... अब उपोद्घात नियुक्ति अनुगम, जो सूत्रके माध्यमसे कहने योग्य है उसे निम्नोक्त द्वारों से समझनेका प्रयास कीजीयेगा... 1. उदेश 13. किम् ? निर्देश कतिविध ? कस्य ? क्षेत्र 16. क्व ?