________________ मिलता है। 45 आगमों का वर्गीकरण इस प्रकार है। आगम अंग उपांग 1- औपपातिक राज प्रशनीय आचार सूत्रकृत स्थान समवाय भगवती जीवाभिगम 4- . समवाय प्रज्ञापना 6 ज्ञात धर्म कथा उपासक दशा अन्तकृत दशा ‘अनुत्तरोपपातिक दशा प्रश्न व्याकरण विपाक दृष्टिवाद : विलुप्त : सूर्य प्रज्ञप्ति चंद्र प्रज्ञाप्ति जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति कल्पिका कल्पावतंसिका पुष्पिका पुष्प चुलिका वृष्णि दशा 101112 मूल छेद दशवैकालिक निशिथ उत्तराध्ययन महानिशिथ 234 बृहत्कल्प आवश्यक पिण्ड नियुक्ति अथवा ओघ नियुक्ति व्यवहार 5-. दशा श्रुत स्कंध 6- पंच कल्प प्रकीर्णक चतुःशरण 6- 1- 2- चन्द्र वैध्य देवेन्द्र स्तव . आतुर प्रत्याख्यान