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________________ 186 1 -1 - 3 - 9 (27) श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन के जीव प्रायः सोपक्रमी आयुष्य वाले होते हैं, अतः शस्त्र का निमित्त मिलने से वे निर्जीव हो जाते हैं / और उस निर्जीव पानी का उपयोग करने में साधु को हिंसा नहीं लगती / कुछ प्रतियों में “पुढो सत्थं पवेइयं' के स्थान में "पुढोऽपासं पवेइयं' पाठ भी मिलता है / उक्त पाठान्तर में 'शस्त्र' के स्थान में 'अपाश' शब्द का प्रयोग किया है / अपाश का अभिप्राय है-अबन्धन अर्थात् जिस से कर्म का बन्धन न हो उसे अपाश कहते हैं / इस दृष्टि से पूरे वाक्य का अर्थ होता है-विभिन्न प्रकार के शस्त्र प्रयोग से निर्जीव बना हुआ जल अपाश होता है अर्थात उसका आसेवन करने से पापकर्म का बन्ध नहीं होता, इस प्रकार भगवान ने कहा है / जब शस्त्र प्रयोग से अप्काय पानी अचित्त हो जाता है / तो जंगल आदि स्थलों में स्थित पानी धूप-ताप आदि के संस्पर्श से अचित्त हो जाता है, तो क्या साधु उस पानी को ग्रहण कर सकता है ? नहीं, साधु उस पानी को भी स्वीकार नहीं करता / क्योंकि- एक तो ज्ञान की अपूर्णता के कारण साधु इस बात को भली-भांति जान नहीं सकता कि- वह अचित्त हो गया है / और दूसरे में यह व्यवहार भी ठीक नहीं लगता / इसी दृष्टि से वृत्तिकार ने लिखा है कि __"यतो नु श्रूयते-भगवता किल श्री वर्द्धमान स्वामिना विमल'सलिल समुल्लसत्तरंग: शैवल पटल प्रसादिरहितो महाहृदो व्यपगताशेष जल जन्तुकोऽचित्त वारि परिपूर्णः स्वशिष्याणां तुइ बाधितानामपि पानाय नानुजज्ञे" अर्थात् सुना है कि भगवान महावीर वर्द्धमान स्वामी ने अपने शिष्यों को-जो तृषा से व्याकुल हो रहे थे, और तालाव का पानी निर्जीव था, तो भी पीने की आज्ञा नहीं दी / इसका कारण व्यवहार शुद्धि रखने का ही है / इससे यह स्पष्ट हो गया कि साधु को सचित्त जल का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसमें केवल अप्कायिक जीवों की हिंसा रूप प्राणातिपात पाप ही नहीं, अपितु अदत्तादानचोरी का पाप भी लगता है / यह बात सूत्रकार महर्षि आगे के सूत्र में कहेंगे... I सूत्र // 9 // // 27 // अदुवा अदिण्णादाणं // 27 // संस्कृत-छाया : II अथवा अदत्तादानम् // 27 //
SR No.004435
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
PublisherRajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
Publication Year
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size10 MB
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