________________ पृ. 164 अ. 3/17 गा. 19 गा. 20 पृ. 345 गा. 90 गा. 283 अ. 3/28 अ.७/२५ गा. 19 अ.१ गा. 284 पृ. 168 पृ. 32 131. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 132. * धर्मबिन्दु सूत्र 133. पश्चाशकसूत्र 134. वही 135. तत्त्वार्थभाष्य 136. श्रावकधर्मविधिप्रकरण 137. श्रावक प्रज्ञप्ति 138. धर्मबिन्दु 139. तत्त्वार्थसूत्र वंदितासूत्र 141. उपासक दशाङ्ग 142. श्रावक प्रज्ञप्ति 143. श्रावक प्रज्ञप्ति टीक 144. पञ्चाशक टीका 145. श्रावकधर्मविधिप्रकरण वृत्ति 146. धर्मबिन्दु वृत्ति 147. श्रावक प्रज्ञप्ति 148. वही 149. पञ्चाशक सूत्र 150. श्रावकधर्मविधि प्रकरण 151. धर्मबिन्दु 152. तत्त्वार्थसूत्र 153. पश्चांशक सूत्र 154. पञ्चाशक टीका 155. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 156. श्रावक धर्मविधि प्रकरण टीका 157. उपासक दशाङ्ग टीका 158. श्रावक प्रज्ञप्ति 159. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 160. उपासक दशाङ्ग 161. श्रावक धर्मविधि प्रकरण 162. धर्मबिन्दु 163. पञ्चाशक و مه مه مه مه د पृ.४२ पृ. 40 गा. 286 गा. 287, 288 गा. 22 गा. 92 अ. 3/29 अ. 7/30 गा. 23 पृ. 36 गा. 289 पृ. 173 गा. 93 पृ. 42 गा. 291 पृ. 175 अ. 1 पृ.८ गा. 94 अ. 3/30 गा. 24 | आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIMINATION चतुर्थ अध्याय | 315