________________ का.४२ का. 60 पृ. 212 1/147/48 1/33,35 पृ. 329 श्लो. 3309 श्लो. 3628-29 का. 13 पृ. 432 पृ.४ पृ. 23 पृ. 26 394. वही 395. वही 396. ललित विस्तरा वृत्ति 397. सर्वज्ञ सिद्धि 498. प्रश्न वार्तिक 499. वही 400. प्रश्न वार्तिक काल 401. तत्त्वसंग्रह 402. वही 403. षड्दर्शन समुच्चय 404. षड्दर्शन समुच्चय टीका 405. सर्वज्ञ सिद्धि टीका 406. वही 407. न्याय विनिश्चय प्रस्तावना 408. सर्वज्ञ सिद्धि मूल 409. सर्वज्ञ सिद्धि टीका 510. सर्वज्ञ सिद्धि मूल 411. सर्वज्ञ सिद्धि टीका 412. षोडशक 413. धर्मसंग्रहणी 414. धर्मसंग्रहणी टीका 415. लोकतत्त्व निर्णय 416. सर्वज्ञ सिद्धि 417. वही 418. पातञ्जल योगदर्शन 419. आचारांग 420. योगदृष्टि समुच्चय 421. औपपातिक सूत्र 422. शास्त्रवार्ता समुच्चय 423. द्वात्रिंशत् द्वात्रिंशिका 424. नमिजिन स्तवन 425. षड्दर्शन समुच्चय 426. स्याद्वाद मञ्जरी श्लो. 18 पृ. 95 श्लो. 21 पृ. 15 गा. 5/12 गा. 1166, 1167 . पृ. 245. श्लो. 39 श्लो. 49 श्लो. 50 सी. 3/49 अ. 3, श्ल.३ गा. 134 गा. 63,64,65 श्लो. 24 श्लो .4 गा.६ का. 55 श्लो. 22 [ आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIINIK VI TA द्वितीय अध्याय | 2007