________________ 172 श्रीजैनधर्मवरस्तोत्रम् | मेरु मेरुप्रभ 46 | मैत्र मैथिली मैनाक 113, 114 यम मरणसमाहि मरीचि मरुक मरुदेवा मरुदेवी मरुस्थली पल्लवादिन् महादेव महानिशीथ महापीठ महाविदेह महावीर महिमाप्रभ महेश्वर 66, मा माघ रना मांग मांडण 95, 100 68, 82, 85, 88, 109 | यवनशास्त्र यशोविजय यादव 37, 47, 58, 97 | यौग 29, 36, 45, 91, 110 | रइवय रघुवंश 77, 122 68 | रथनेमि 82 | रमणकी राघव 115 | राजगृह 37, 46, 49, 63, 64, 110 | राजप्रश्नीय , 50, 51 51 | राजीमती - 68, 109 | राणकपुर . 47 | राम 18, 53, 86, 87, 112-114, 116 44, 45 / रामचन्द्र . 115 30,-32 रामायण 46, 110 रायपसेणी(य) 35,-37 रायमल्ल 34, 35 | रावण 11, 53, 87, 112,-114, 61 | रुद्र | रेणुका 126 मालव मुखप्रिय मुनिसुव्रत 24 मूलदेव मूला मृगध्वज मृगावती मेघकुमार मेघरथ मेतार्य मेनका 40