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________________ परिशिष्ट-४ अवतरणसूचिः विशेषनामसूचिश्च पृष्ठ पंक्ति नं. अवतरण अवतरण पृष्ठ पंक्ति नं. 37 40 44 13 / 21 22 138 138 139 140 149 17 23 1 6 49 20 156 157 164 164 199 199 15 17 7 8 199 200 एवमेगेसिं नो नायं भवइ देहं विमलसुयंधं वक्ता हर्षभयादि वित्ती उ सुवण्णस्सा . एयं चेव पमाणं नन्दीश्वराख्यं एगाती पंचंते एगाई सत्ता पडिवज्जइ एयाओ कंसे 1 संखे 2 जीवे कुंजर 12 वसहे 13 सीहे . जुषी प्रीतिसेवनयो सज्झायझाणतव आषोडशाद्भवेद्बालो चूडामणिफणिवज्जे भवणवणजोइसोहंमी कणगत्तयरत्ताभा हावो मुखविकारः हस्तपादाङ्गविन्यासो स्थानाऽऽसन-गमनानां स्यात्सम्भाषणमालाप: कृष्णादिद्रव्यसा खिद दैन्ये असि-लद्धिकुंत-चावे दंडी मुंडी सिहंडी गायंता वायंता भंभा 1 मउंद 2 मद्दल रसोर्लसौ(शौ) मागध्या संसरति बध्यते मुच्यते नाभुक्तं क्षीयते कमें प्रत्यक्षप्रमाणस्य भ्रान्तत्वात् भस्मीभूतस्य शान्तस्य सत्तविहबंधगा होति गावीहि समं निग्गम अविरुद्धो विणयकरो दो असईओ पसई चउपत्थमाढयं तह पज्जत्तमेत्तसनिस्स तदसंखगुणविहीणं हस्सक्खराई मज्झेण तदसंखेज्जगुणाए सव्वं खवेइ तं पुण मणुयगइजाइतस संभवओ जिणनामं रागादिवासनामुक्तं गुणसत्त्वान्तरज्ञाना अणिमाद्यष्टविधं से हु चाइत्ति वुच्चई उच्चत्तं चेव कुल 0 कूर्मापुत्रेण 0 नामकोषे 0 मरुदेवी 0 मरुदेवी 0 लोकायत 0 साङ्ख्य 0 ऋषभस्वामि 200 200 200 201 1 201 12 201 15 205 23 207 1 202 13 113 17 206 22 207 5 138 15 138 17 202 12 121 121 121 123 137 8 10 12 10 18 चिह्नङ्कितानि विशेषनामानि इति ज्ञेयम् /
SR No.004431
Book TitleUvavai Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMunichandrasuri
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year2012
Total Pages362
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size7 MB
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