________________ पंचसंग्रह - मूलग्गपोरबीया कंदा तह खंध बीय बीयरूहा। सम्मुच्छिमा य भणिया पत्तेयाणंतकाया य / / 81 // नरकों में लेश्या जीवसमास - काऊ काऊ तह काऊनील नीला य नीलकण्हिा य / किण्हा य परमकिण्हा लेसा रयणप्पभाइणं / / 72 // पंचसंग्रह - काऊ काऊ तह काऊ -काउ-णीण णीला य णील-किण्हा य। किण्हा य परमकिण्हा लेसा रयणादि-पुढवीसु // 185 // देवों में लेश्या जीवसमास तेऊ तेऊ तह तेऊ पम्ह पम्हा य पम्हसुक्का य। सुक्का य परमसुक्का सक्कादिविमाणवासीणं // 73 // पंचसंग्रह - तेऊ तेऊ वह तेउ-पम्ह पम्मा य पम्म-सुक्का य / सुक्का य परमसुक्का लेसा भवणाइदेवाणं // 189 // भव्यत्व जीवसमास - मिच्छदिट्टि अभव्वा भवसिद्धाया य सव्वठाणेसु। सिद्धा नेव अभव्वा नवि भव्वा हुंति नायव्वा / / 75 / / पंचसंग्रह - ण य जे भव्वाभव्वा मुत्तिसुहा होति तीदसंसारा। ते जीवा णायव्वा णो भव्वा णो अभव्वा य / / 157 // (42)