________________ चर्चा नहीं है, किंतु जीवसमास एवं षट्खण्डागम मूल में| | इनके सहसम्बंधों की चर्चा है। सारिणी संख्या : 2 तत्त्वार्थ सूत्र कसायपाहुड (तीसरी-चौथी . | (४थी शती शती) उत्तरार्ध) समवायांग/ षट्खण्डागम (लगभग ५वीं तत्त्वार्थ की टीकाएं | (लगभग छठी | शती) शती). मिथ्यादृष्टि मिथ्यात्व (इस मिच्छादिट्ठि संदर्भ में इसे (मिथ्यादृष्टि) परिगणित नहीं किया है) | मिच्छादिट्ठि (मिथ्यादृष्टि) सास्वादन सम्यक् दृष्टि सास्वादन सासायणसम्मदिट्ठी सम्मा-मिच्छाइट्ठो सम्मा-मिच्छादिट्ठी | सम्यगमिथ्यादृष्टि (मिस्सगं) (सम्यक् मिथ्यादृष्टि) (मिश्रदृष्टि)