________________ सन्दर्भ-सूची 1. (अ) ऋग्वेद 1.16.4.4 () वही 10.129.7, 10.94.12 मं. 1 सू. 164. 1, 13 अथर्ववेद का 10.7.43 2. डॉ. रमेशकुमार उपाध्याय "वैष्णव पुराणों में सृष्टिवर्णन" (सं. बलदेव उपाध्याय द्वारा लिखित भूमिका से) 3. “धम्मो अहम्मो.- वरदंसिहि // " -उत्तराध्ययन 28.7.. “सद द्रव्य लक्षणम्" -तत्वार्थसूत्र 4. तदेतदक्षरं नित्य-जगन्मुनिवराखिलम् ___आविर्भाव-तिरोभाव-जन्मनाशं विकल्पवत् // -विष्णु पुराण (1) पृ. 240, 1.22.60 5. (आ) उत्तराध्ययन 28.7, 36.2 . (ब) भगवती सूत्र 2.1 6. सूत्रकृतांग 1.1.3.9 / 7. विष्णुपुराण (1) पृ. 240, 1.22.60 8. “यथेदानी तथाग्ने च पश्चादप्येतदीदृशम्" -भागवतपुराण 3.10.13 9. पं. बलदेव उपाध्याय 'पुराण विमर्श', पृ. 29 10. (अ) अच्चेइ कालो तुरन्त राइओ, न यावि भोगा पुरिसाण निच्चा। ___उविच्च भोगा पुरिसं चयन्ति, दुमं जहा खीणफलं व पक्खी। -उत्तराध्ययन 13.31 (द) उत्तराध्ययन 18.13 (स) जम्म दुक्खं जरा दुक्खं दुक्खं रोगा य मरणाणि य अहो दुक्खो हु संसारे जत्थ कीसंति जतुंणो // -वही 19.16 (द) वही 14.22 11. (अ) सूत्रकृतांग 1.1.3.16 (a) उत्तराध्ययन 13:22 (स) वही 19.13 (द) सूत्रकृतांग 2.1.13 . (य) उत्तराध्ययन 13.23 . 12. “दुःखे स्वभावसंसिद्धे .. -शिव पुराण 71.31.87 विषयामज्जनाकर्ता दुर्योधं फैनिलं परम् ... महादुष्टजन्यव्यालमहाभीमभयानकम् // -पद्मपुराण 2, पृ१०७, श्लो. 63. 13. विष्णुपुराण (2) पृ. 260, 5.30.38-42 -वही, पृ. 374-382, 6.5.1-57 14. मार्कण्डेयपुराण 11.32-35, 3.57 15. तत्त्वार्थसूत्र 10.5,6,7 * 16.. मार्कण्डेयपुराण 3.58-72 - 243 / पुराणों में जैन धर्म