________________ eestest ostetuese बोल-बोल आदेश्वर (तर्ज-म्हातूं मूंडे बोल...) बोल-बोल आदेश्वर व्हाला, कांई थारी मरजी रे म्हातूं मुंडे बोल माँ मरूदेवी बाट जोवती, इतरे वधारे आई रे। आज ऋषभजी उतऱ्या बाग में सुन हरषाई रे।। न्हाय-धोय ने गज असवारी, करी मरूदेवी माता रे। जाय बाग में नन्दन निरख्यो, पाई साता रे।। steigerte este esentierte राज छोड़ने निकल्यो ऋषभो,आ लीला अद्भूती रे। चमर छत्र ने और सिंहासन मोहनी मूरती रे।। दिन भर बैठी वाट जोवती, कद म्हारो रिखबो आवे रे। कहती भरत ने आदिनाथ री, खबरा लावे रे।। 1) किस्या देश में गयो बालेसर, तुम बिन वनिता सुनी रे। बात कहो दिल खोल लाल जी, क्यों बणग्या मुनि रे।।, रह्या मजा में है सुखसाता, खूब किया दिल चाया रे। अब तो बोल आदेश्वर म्हासु, कलपे काया रे। खैर हुई सो हो गई व्हाला, बात भली नहीं कीनी रे। 1 गयां पछे कागद नहीं दिनों, खबरान लीनी रे।। d