________________ bestseestseestseest getes ( ले लो राजा ले लो (तर्ज-लल्ला लल्ला लोरी....) ले लो राजा ले लो ऋषभ राजा ले लो, हम रे सौनेया, पड़कर तुमरे पैयाँ।।टेर।। कोई कहता कन्या ले लो, कोई राजकुमारी। प्रभु चरणों में अर्पित करता कोई सम्पत्ति सारी। __नग्न प्रभु को देख कहें वस्त्र ले लो।।1।। मौन प्रयाण प्रभु का लखकर ऋजु जनता यूँ बोली। नहीं रूठते थे भगवन् तुम, करते नहीं ठिठोली। ... आज क्यों हमसे रूठ चले हो।।2।। बीत चले यूँ बारह मास, न समझी जनता भोली। आकर जाते क्यूँ भगवान,यूँ लेकर खाली झोली। हमसे प्रभु ये खेल न खेलो।। 3 / / कृत कर्मों का नाश हुआ तो, कैसा योग मिला है। इक्षुरस से सिंचित प्रभु का, देह तरु जो खिला है। . कुँवर श्रेयांस के भाग्य फले हो।। 4 / / मंगलमय यह दिवस आज का याद दिलाने आया। अक्षय-तृतीया के शुभ दिन ही, प्रभु ने पारणा पाया। "विजय'' प्रभु के पद में मस्तक दे लो।। 5 / / 卐 gesteettisestuestos