________________ 31. 30. हे खंदया ! सागयं, खंदया ! सुसागयं - भगवतीसूत्र, संपा. घासीलाल जी, प्रका. अ.भा.श्चे, स्था. जैन शास्त्रोद्धार समिति, राजकोट, 1962 / उत्तराध्ययन संपा. साधवी चंदना, प्रका. वीरायतन प्रकाशन, आगरा, 1972, अध्याय 23 / देखें - शास्त्रवार्तासमुच्चय, हरिभद्रसूरि, प्रका. लालभाई, दलपतभाई भारतीय विद्या मंदिर, अहमदाबाद, 1968,3/206, 3/237, 6/64-67 / 33. सामायिकपाठ, संपा. प्रेमराज बोगावत, प्रका. सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर, 1975, 1 / (136)