________________ जौ), कलाय (मटर), मसूर, तिल, मूंग, माष (उड़द), निष्पव, कुलथी, आलिसंद, सडिण (अरहर), पलिमंथ (चना), अलसी, कुसुंभी (कुसुंबा), कोद्रव (कोंदो), कंगू, रालय, वरदृ, साम, कोदूस (कोरदूषक), सन, सरसों, मूली के बीज (23) / ___ जलरूह-उदक, अबक, पनक, सेवाल, कलंबुय, हढ, कसेरूय (कसेरू) कच्छ, भाणी, उत्पल, पद्म, कुमुद, नलिन, सुभग, सुगंधित, पुंडरीक, महापुण्डरीक, शतपत्र, सहस्रपत्र, कल्हार, कोकनद, तामरस, बिस, बिसमत्रणालं, पुष्कर, स्थलज, पुष्कर (23) / कुहण-आय, काय, कुहण, कुणक्क, दव्हलिय, सप्फाय, सज्झाय, छत्रौक, वंसी, णहिय, कुरय (23) / . अनन्तकायिक वनस्पतिकाय जीव-अबक, पनक, सेवाल, रोहिणी, थीहू, थिभगा, अश्वकर्णी , सिंहकर्णी, सिउंढी, मुसुंढि, रूरू, कुण्डरिका, भीरू, क्षीरबिदारिका, किट्टी, हरिद्रा (हलदी), श्रृंगोर (अदरक), आलू, मूली, कबूंगा, कन्नुकड, महुपोवलइ (?), मधुश्रृंगी, नीरुह, स्वर्णसुगंध, छिन्नरूह, बीजरूह, पाढा, मृगवालुंकी, मधुररसा राजवल्ली, पद्मा, माढरी, दंती, चंडी, भाषपर्णी, मृद्गुपर्णी, जीवक, ऋषभक रेणुका, काकोलि, क्षीरकाकोली, भंगी, कृमिराशी, भद्रमुस्ता (मोथा), णंगलइ, पेलुगा, कृष्ण, पडल, हढ (जल वनस्पति), हरतनूक, लोयाणी, कृष्णकंद, वज्रकंद, सूरणकंद, खल्लूट' (24) / इनके उल्लेख जीवाभिगम (21) में भी हैं। द्वीन्द्रिय जीव-पुलाकिमिय (गुदा में उत्पन्न कृमि), कुक्षिकृमि (पेट के कीड़े), गंडूयलग (गेंडुआ), गोलोम, णेउर, सोमंगलम, वंसीमुह, सूचिमुख, गोजलौका, जलौका, जालउय, शंख, शंखनक (छोटे शंख), घुल्ल, खुल्ल (क्षुद्र), द्विधा आवर्त, नंदियावत्त, संबुक्क (शंबुक), मातृवाह, सोपो, चंदनक, समुद्रलिक्ष (27) / त्रीन्द्रिय-औपयिक, रोहिणिय, कुंथू, पिपीलिका (चींटी), उंद्सग . (डांस), उद्देहिय (दीमक), उक्कलिया, उप्पाय (उत्पाद), उप्पाड (उत्पाटक), तणाहार (तृणाहारक), कट्टाहार (कष्ठाहारक), मालुका (पत्राहारक), तणबेंटिय, पुप्फबेटिय, झिल्लियं, झिंगिर, किंगिरिड, बाहुय, लहुय, सुभग, सौवस्तिक, सुयबेंट, इंदकायिक, इंदगोवय (इन्द्रगोप), तरुतुंबग, कचछलवाहग (अथवा कोत्थवाहन), जूय (जू), हालाहल, पिसुय, (सयवाइय ( (133)