________________ प्रमुख नियुक्तियां आवश्यक नियुक्ति में लेखक ने जिन दस नियुक्तियों के लिखने की प्रतिज्ञा की थी, वे निम्न हैं1. आवश्यकनियुक्ति 2. दशवैकालिकनियुक्ति 3. उत्तराध्ययननियुक्ति 4. आचारांगनियुक्ति 5. सूत्रकृतांगनियुक्ति 6. दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति 7. बृहत्कल्पनियुक्ति 8. व्यवहारनियुक्ति 9. सूर्य प्रज्ञप्तिनियुक्ति 10. ऋषिभाषितनियुक्ति . वर्तमान में उपर्युक्त दस में से आठ ही नियुक्तियां उपलब्ध हैं, अंतिम दो / अनुपलब्ध हैं। आज यह निश्चय कर पानाअति कठिन है कि ये अंतिम दो नियुक्तियां लिखी भी गई या नहीं ? क्योंकि हमें कहीं भी ऐसा कोई निर्देश उपलब्ध नहीं होता, जिसके आधार पर हम यह कह सकें कि किसी काल में ये नियुक्तियां रही और बाद में विलुप्त होगई। यद्यपि मैंने अपनी ऋषिभाषित की भूमिका में यह संभावना व्यक्त की है कि वर्तमान 'इसीमण्डलत्थु' सम्भवतः ऋषिभाषितनियुक्ति का परिवर्तित रूप हों, किंतु इस सम्बंध में निर्णयात्मक रूप से कुछ भी कहना कठिन है। इन दोनों नियुक्तियों के संदर्भ में हमारे सामने . तीन विकल्प हो सकते हैं1. सर्वप्रथम यदि हम यह मानें कि इन दसों नियुक्तियों के लेखक एक ही व्यक्ति हैं और उन्होंने इन नियुक्तियों की रचना उसी क्रम में की है, जिस क्रम में इनका उल्लेख आवश्यक नियुक्ति में है, तो ऐसी स्थिति में यह सम्भव है कि वे अपनेजीवन-काल में आठ नियुक्तियों की ही रचना कर पाए हों तथा अंतिम दो की रचना नहीं कर पाए हों। 2. दूसरे यह भी सम्भव है कि ग्रंथों के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रथम तो लेखक ने यह प्रतिज्ञा कर ली हो कि वह दसों आगम ग्रंथों पर नियुक्ति लिखेगा, किंतु जब उसने इन दोनों [88]