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________________ सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र शास्त्री जन्म 11 अप्रैल 1601, ललितपुर (उ.प्र.) के निकट सिलावन नामक ग्राम में। शिक्षा : विभिन्न जैन शिक्षा-संस्थाओं में। अध्यापन : अनेक शिक्षण-संस्थानों, विशेषकर स्याद्वाद महाविद्यालय तथा हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में जैन धर्म-दर्शन के अध्यापक के रूप में। जैन दर्शन, सिद्धान्त तथा आचार विषयक कितनी ही चर्चाओं में अपने अगाध ज्ञान के कारण प्रसिद्धि। भारत में वर्तमान शती के जैन अध्येता विद्वानों में अग्रगण्य और समादृत। मौलिक रचनाएँ : 1. जैन तत्त्वमीमांसा, 2. जैन धर्म और वर्ण-व्यवस्था, 3. विश्वशान्ति और अपरिग्रहवाद, 4. वर्ण, जाति और धर्म। सम्पादित ग्रन्थ : धवला-जयधवला के अनेक खण्ड, प्रमेयरत्नमाला, पंचाध्यायी, महाबन्ध आदि 50 से अधिक। सन् 1991 को दिवंगत।
SR No.004410
Book TitleVarn Jati aur Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1989
Total Pages460
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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