________________ वज्रासन तथा वज्रासन में किये जाने वाले आसन वज्र एक नाड़ी (प्राण-शक्ति के प्रवाह का मार्ग) का नाम है जिसका सीधा सम्बन्ध प्रजनन एवं मूत्र निष्कासन प्रणाली से है। ऐसा कहा जाता है कि इस नाड़ी पर ऐच्छिक नियंत्रण प्राप्त हो जाने पर व्यक्ति बड़ा शक्तिशाली बन जाता है / यह शरीर में काम-शक्ति को नियमित करती है। इस नाड़ी को देवराज इन्द्र का अस्त्र कहा गया है। इसी प्रकार मन सर्वेन्द्रियों का राजा है / इस नाड़ी के माध्यम से हम मन को इस योग्य बनाते हैं कि काम-शक्ति के रूप में इस नाड़ी में प्रवाहित समस्त शक्तियों को नियंत्रित कर सकें। इस प्रकार वज्रासन या वज्रासन में किये जाने वाले आसन बड़े प्रभावशाली हैं; सामान्यतः करने में सरल भी। नए अभ्यासियों के पैरों में थोड़े समय के अभ्यास से दर्द हो सकता है। अतः उन्हें चाहिये कि टखनों को पकड़कर पंजों को एक के बाद एक हिलायें। तब वज्रासन अथवा अन्य आसनों की पुनरावृत्ति करें। 72