________________ बिहार योग विद्यालय अन्तर राष्ट्रीय योग मित्र मण्डल * यह एक दातव्य एवं दार्शनिक यह एक दातव्य एवं शैक्षणिक आंदोलन है। इसका शंखनाद परमहंस संस्था है। विश्व मानवता को योग सत्यानन्द जी द्वारा योग संस्कृति को परम्परा से अवगत कराने के लिए विश्वव्यापी बनाने हेतु सन् 1956 में परमहंस सत्यानन्द जी द्वारा इस संस्था राजनांदगाँव में किया गया। की स्थापना सन् 1963 में की गयी। - यह सम्बद्ध केन्द्रों द्वारा परमहंस परमहंस निरंजनानन्द जी इस संस्था सत्यानन्दजी की शिक्षाओं के प्रचार का के प्रधान संरक्षक हैं। एक माध्यम है। जन समुदाय को योग की प्राचीन परमहंस निरंजनानन्द जी अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति की ओर वापस लाने के प्रयासों योग मित्र मण्डल के परमाचार्य हैं। . का केन्द्र है। यह सुव्यवस्थित योग प्रशिक्षण शिवानन्द आश्रम के नाम से जाना कार्यक्रम एवं मार्गदर्शन उपलब्ध जाने वाला प्रारम्भिक विद्यालय अब कराता है और सभी सम्बद्ध योग मुंगेर के स्थानीय लोगों के लिए शिक्षकों, केन्द्रों एवं आश्रमों के लिए कार्यरत है। शिक्षा के स्तर का निर्धारण करता है। नये आश्रम गंगा दर्शन की स्थापना सभी संन्यासी शिष्यों, योग सन् 1981 में हुई। यह स्थल थोड़ी शिक्षकों, आध्यात्मिक जिज्ञासुओं एवं दूर पर प्रवाहित होती हुई गंगा की। शुभचिन्तकों के लोकोपकारी कार्यों अनुपम छटा से विभूषित है। . को संघटित एवं समेकित करने के / __यहाँ वर्ष भर स्वास्थ्य रक्षा सत्र, लिए सन् 1663 के विश्व योग / योग साधना, क्रिया योग तथा अन्य सम्मेलन के समय इसका एक घोषणा / विशेष सत्र आयोजित किये जाते हैं। पत्र जारी किया गया। __ यह योग सम्मेलनों एवं शिविरों के . इस घोषणा पत्र के कार्यान्वयन में संचालन तथा व्याख्यान देने हेतु पूरे सहयोग का इच्छुक हर व्यक्ति योग विश्व को प्रशिक्षित संन्यासी एवं सम्बन्धी दूरगामी परियोजनाओं में शिक्षक उपलब्ध कराता है। सक्रिय रूप से भाग लेकर विश्व के __ यहाँ एक समृद्ध पुस्तकालय, लिए सद्भाव और शान्ति का वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्र एवं सन्देशवाहक बन सकता है। आधुनिक प्रिन्टिंग प्रेस है। महासचिव ___ अपनी विशिष्ट संन्यास एवं योग स्वामी सत्यव्रतानन्द. 1656-1671 प्रशिक्षण पद्धति तथा महिलाओं एवं विदेशियों को संन्यास में दीक्षित करने स्वामी धर्मशक्ति 1671 से वर्तमान तक के कारण यह एक ख्याति प्राप्त संस्था अध्यक्ष परमहंस सत्यानन्द 1663-1683 परमहंस निरंजनानन्द 1683-1664 स्वामी ज्ञानप्रकाश 1664 सेवर्तमान तक 419