________________ किसी एक का कार्य भी नियम-भंग करता है तो समस्त अभिसरण-क्रिया असफल हो जाती है / इनकी लम्बाई पाँच इंच तथा व्यास एक इंच का आठवाँ भाग होता है / चौड़ाई में छोटी होने पर भी इनकी जिम्मेदारियाँ बहुत बड़ी हैं। हृदय में स्थित अपेक्षाकृत छोटी रक्त नलिकाओं या वाहिनियों को इनके द्वारा रक्त पहुँचाया जाता है जो कि हृदय में स्थित स्नायविक रेशाओं का पोषण रक्त द्वारा करती हैं। सामान्य स्वस्थ व्यक्तियों में इन नलिकाओं में पर्याप्त रक्तसंचार होता है जिससे हृदय की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। कभी-कभी धमनियों की दीवारों में दोष उत्पन्न हो जाता है / रक्त नलिकाओं की दीवारों के इस दोष को आर्थरोस्केलेरॉसिस (artherosclerosis) कहते हैं / इस दोष का कारण प्राणी-चर्बी, धूम्रपान और अत्यधिक तनाव है। योगाभ्यास द्वारा जीवन के तनावों को दूर कर इस दोष का निरोध एवं निराकरण किया जा सकता है / अप्रत्यक्ष रूप से यह अभ्यास धूम्रपान आदि को निरुत्साहित कर हमारे आहार में सुधार लाता है। प्रश्न है कि दाहिना ग्राहक एवं क्षेपक कोष्ठ क्या कार्य करते हैं। बायें ग्राहक एवं क्षेपक कोष्ठ की भाँति ही इनकी भी कार्य-प्रणाली है / अंतर यही है कि इनके द्वारा ओषजन-रहित रक्त का प्रवाह होता है / प्रचुर मात्रा में कार्बन द्वि ओषिद मिला हुआ यह रक्त फेफड़ों में भेजा जाता है / इस प्रकार शरीर की कोशाओं में ओषजन को जमाकर रक्त वापस हृदय के दाहिने भाग में पहुँचता है / यहाँ से उसका प्रवाह फेफड़ों में होता है जहाँ कार्बन द्वि ओषिद का त्याग कर तथा नवीन ओषजन वायु को ग्रहण कर वह वापस हृदय के बायीं ओर पहुँच जाता है / वहाँ से उसे पूर्वतः शरीर की कोशाओं में पहुँचाया जाता है। - प्रतिदिन हृदय-गति जितना कार्य करती है. उस पर सहज ही विश्वास नहीं किया जा सकता / हृदय की धड़कन प्रति मिनट औसत रूप से 70 बार होती है। छोटी गणना से ही ज्ञात होता है कि एक दिन में लगभग एक लाख बार हृदय का संकोचन होता है एवं एक वर्ष में इसकी संख्या 365 लाख होती है / 70 वर्ष की औसत उम्र में हृदय की धड़कन की कुल संख्या लगभग 2.5 अरब होती है। मनुष्य द्वारा निर्मित किसी भी यन्त्र में इतनी कार्यक्षमता नहीं है। ____ यदि रोगों के कारण उसकी कोई क्षति होती है तो काम करते हुए वह क्षति-पूर्ति कर लेता है / यदि वात, ज्वर आदि बीमारियों से उसके द्वार स्थूल हो जाते हैं तो विकारों से बचने के लिये तथा कमी-पूर्ति हेतु यह अंग अपनी स्नायविक दीवारों को भी मोटा कर देता है। गंभीर बीमारी में तनाव की 379