________________ भी दशा में तनाव न डालिये / चिंता की बात नहीं है; अभी पर्याप्त समय शेष है। एक मिनट या कुछ अधिक समय के बाद शौचालय से लौट कर एक गिलास नमकीन पानी पीजिये। पुनः शौच के लिए जाइये / बल न लगाइये। पुनः एक गिलास पानी पीकर आसनों की वर्णित क्रिया की उतनी ही आवृत्तियाँ कीजिये / शौच के लिए जाइये। मल का निकास अवश्य ही होगा। शंखप्रक्षालन करने वाले अन्य व्यक्तियों से अपनी तुलना न कीजिये / कछ व्यक्तियों की मल -निष्कासन क्रिया जल्दी हो सकती है / कुछ व्यक्तियों को अपेक्षाकृत कुछ देर लगे या अधिक जल ग्रहण करना पड़े तो किसी प्रकार की चिंता न कीजिये। सर्वप्रथम ठोस मल का निष्कासन होगा, तत्पश्चात् उसमें द्रव की कुछ मात्रा मिश्रित रहेगी / पानी पीकर आसन करते जाइये। अंत में मल की समाप्ति पर केवल साफ जल ही बाहर निकलेगा। . इस अवस्था तक पहुँचने के लिए औसतन लगभग 16 से 25 गिलास पानी पर्याप्त होता है / किसी को कम या किसी को अधिक गिलास पानी की आवश्यकता पड़ सकती है। अपवादस्वरूप किसी व्यक्ति को 40 गिलास तक पानी की जरूरत भी पड़ सकती है। .. अतिरिक्त अभ्यास शंखप्रक्षालन में अन्ननलिका की जठर से गुदाद्वार तक की सफाई होती है / सम्पूर्ण पाचन प्रदेश की सफाई के लिए शंखप्रक्षालन क्रिया के बाद - निम्न क्रियाएँ करनी चाहिए - वमन धौति शेष नमकीन जल के निकास एवं जठर से मुँह तक की सफाई के लिए यह विधि है / (विस्तृत विवरण आगे देखिये) जल नेति नासिका प्रदेश की सफाई की क्रिया है / इसका विवरण नेति खंड में किया जा चुका है। 336 .