________________ काकी मुद्रा काकी मुद्रा काकी मुद्रा .. विधि ध्यान के किसी आसन में बैठिये / होठों से एक सँकरी नली बनाइये। नासिकाग्र दृष्टि कीजिये। मुँह से धीरे - धीरे दीर्घ पूरक कीजिये। होठों को परस्पर बन्द करते हुए नासिका से धीरे - धीरे रेचक कीजिये / पुनः मुँह से पूरक कर क्रिया को दुहराइये / समय जितनी देर सम्भव हो। लाभ मुँह से भीतर जाने वाले वायु - प्रवाह का सम्पर्क मुँह की दीवारों से होता है तथा अनेक बीमारियों को रोकने या दूर करने में यह अभ्यास मदद करता है। साथ ही नासिकाग्र दृष्टि के लाभ की प्राप्ति होती है। समस्त शारीरिक-संस्थानों को शीतलता प्रदान करता है। 308