________________ टिप्पणी पूर्ण अभ्यास में नासिका से ही श्वसन कीजिये / समय - बिना तनाव के अधिकतम अवधि तक आवृत्तियाँ कीजिये / अभ्यास के साथ धीरे-धीरे अवधि में वृद्धि करने की कोशिश कीजिये / बेहोशी की अनुभूति तक जितनी आवृत्तियाँ सम्भव हों, कीजिये | क्रम आध्यात्मिक : ध्यान के पूर्व / शारीरिक एवं मानसिक : आसन के उपरान्त या निद्रा से पूर्व / सीमाएँ योग्य निर्देशक से सावधानीपूर्वक सीखिये / उच्च रक्तचाप, चक्कर आने तथा मस्तिष्क-दाब से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह अभ्यास वर्जित है। लाभ ध्यान की अच्छी तैयारी करता है / मन को अंतर्मुखी बनाता है। मनुष्य को विशेष आत्मिक स्तर तक पहुँचाने में मदद करता है क्योंकि सुनने एवं देखने की बाह्यगत क्रियायें अदृश्य या लुप्त हो जाती हैं। शारीरिक एवं मानसिक स्थिरता प्रदान करता है / अतः तनाव, चिन्ता तथा क्रोध को दूर करने के लिए उपयोगी प्राणायाम है / रक्तचाप, विक्षेपों व मानसिक समस्याओं से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए लाभप्रद है। 285