________________ ___आसनों के अभ्यास के लिये कम्बल को चार पर्तों में मोड़ कर प्रयोग कीजिये / ऐसे बिछावन का प्रयोग न करें जो मुलायम हो या जिसमें हवा भरी हो। अभ्यास का स्थान ऐसे खुले हुये हवादार कमरे में आसनों का अभ्यास कीजिये जहाँ का वातावरण शान्त हो / कमरे की हवा शुद्ध एवं ताजी होनी चाहिये ताकि श्वास के साथ आप स्वतंत्र रूप से ओषजन-वायु ले सकें। अभ्यास आप बाहर भी कर सकते हैं परन्तु आसपास का वातावरण सुहावना होना चाहिये- जैसे सुन्दर बाग / तेज हवा में व सर्दी और धुएँ-मिश्रित, बदबूदार, दूषित एवं गन्दी हवा-युक्त स्थान में अभ्यास न करें / घर के साज-सामान, आग अथवा अन्य किसी ऐसी चीज के पास अभ्यास न करें जो आपके अभ्यासों में बाधक बने / अनेक दुर्घटनाएँ घट जाती हैं क्योंकि अभ्यासी ऐसी वस्तुओं की ओर गिर जाते हैं जो उन्हें स्वतंत्र रूप से भूमि पर गिरने से रोकती हैं; विशेषकर शीर्षासन आदि आसनों के अभ्यास काल में इस बात का ध्यान रखना चाहिये / अभ्यास बिजली के पंखे के नीचे न करें। .. तनाव आसन करते समय अनावश्यक जोर मत लगाइये / तनाव की स्थिति से . बचिये / यद्यपि शुरू-शुरू में अभ्यासी अपनी मांसपेशियों को कड़ी पायेंगे, परन्तु कुछ ही सप्ताह के नियमित अभ्यास के दौरान यह अनुभव करके उन्हें आश्चर्य होगा कि उनकी मांसपेशियाँ धीरे-धीरे, लेकिन निश्चित रूप से लचीली हो रही हैं और फिर उच्च आसनों को करने में किसी प्रकार से कठिनाई नहीं होगी। आयु सीमा . .. आसन विभिन्न आयु के स्त्री-पुरुषों द्वारा किये जा सकते हैं। योग के दरवाजे सभी के लिये खुले हैं और सभी इससे लाभ उठा सकते हैं / 'योग - माँ' के हृदय में अपने सभी बच्चों के लिये समान स्नेह है; चाहे वे विवेकी हों या अज्ञानी, धनी हों या निर्धन / योग के लिये वे सभी बराबर हैं; उनकी जाति, धर्म, वर्ण या राष्ट्रीयता कुछ भी हो / 11