________________ मन को शान्त रखने से सम्बन्धित हैं और अभ्यासी को ध्यान जैसे उच्च अभ्यासों के लिये तैयार करते हैं। इनमें से कुछ प्रत्याहार की स्थिति लाने में विशेष रूप से उपयोगी हैं। कुछ शरीर को अचल और स्थिर बनाकर उसे ध्यान के लिये तैयार करते हैं। इन अभ्यासों में सामान्य रूप से श्वास-प्रश्वास की गति धीमी हो जाती है और अभ्यासी शरीर के किसी एक विशेष भाग के प्रति सचेत रहता है। अलग-अलग आसनों में शरीर के अलग-अलग भागों पर ध्यान रखा जाता है / इस पुस्तक के अधिकांश आसन इसी वर्ग के हैं जैसेशीर्षासन, सर्वांगासन, पद्मासन आदि /