SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 259
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ धनुराकर्षण आसन धनुराकर्षण आसन धनुराकर्षण आसन विधि दाहिने पैर को बायीं जाँघ पर अर्ध पद्मासन की स्थिति में रखिये। : बायें पैर के अंगूठे को दाहिने हाथ से पकड़िये / पैर सीधा तना रहे / दाहिने पैर के अंगूठे को बायें हाथ से पकड़कर कान के समीप लाइये पीठ या गर्दन झुकने न पाये। श्वास बैठी हुई अवस्था में पूरक / अंगूठे को उठाते समय कुम्भक / अर्ध पद्मासन से लौटकर रेचक कीजिये। .. आवृत्ति प्रत्येक पैर से अधिकतम 10 बार इसे कीजिये / लाभ निम्न उदर -प्रदेश के अंगों को शक्ति प्रदान करता है। मेरुदण्ड का व्यायाम कराता है / ऊपरी भुजा के स्नायुओं तथा टखनों को शक्ति प्रदान करता है। हाइड्रोसील का उपचारात्मक आसन है। . 242
SR No.004406
Book TitleAasan Pranayam Mudra Bandh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyanand Sarasvati
PublisherBihar Yog Vidyalay
Publication Year2004
Total Pages440
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy