________________ निरालम्ब पश्चिमोत्तानासन निरालम्ब पश्चिमोत्तानासन निरालम्ब पश्चिमोत्तानासन विधि घुटनों को मोड़कर बैठ जाइये / तलवें जमीन पर समतल रहें। . पैरों के बाहर की ओर से तलवों को पकडिये / पैरों को ऊपर उठाकर घुटनों को सीधा कीजिये / शारीरिक संतुलन नितम्बों पर रहेगा। घुटनों से नासिका के स्पर्श का प्रयल कीजिये। . श्वास बैठी अवस्था में पूरक कीजिये पैरों को उठाने, सन्तुलन करने एवं नीचे लाते समय कुंभक कीजिये / पूर्व स्थिति में रेचक व सन्तुलित अवस्था में स्वाभाविक श्वास / समय एक बार में अधिक से अधिक 3 मिनट तक अभ्यास कीजिये / गत्यात्मक रूप में अधिकतम 5 बार अभ्यास कीजिये। सीमाएँ स्लिप डिस्क, साइटिका अथवा हड्डियों के दीर्घकालीन दर्द में वर्जित है। लाभ क्लोम को क्रियाशील बनाता है, पृष्ठ-प्रदेश के स्नायुओं को शिथिल करता है तथा श्रोणि -प्रदेश की संधियों को लचीला बनाता है। . 236