________________ स्तम्भन आसन .. स्तम्भन आसन स्तम्भन आसन यह दो व्यक्तियों के एक साथ करने का आसन है। दोनों व्यक्ति एक-दूसरे के शीर्ष प्रदेश का स्पर्श करते हुए लेट जायें। अपने दोनों हाथों को बाजू में फैलाते हुए एक-दूसरे के हाथ पकड़ लें। हाथ तने रहें / सिर का दबाव एक-दूसरे के सिर पर रहे। एक व्यक्ति पैरों को सीधा उठाये.) कुछ सेकेण्ड बाद नीचे कर ले। : पुनः वह पैरों को ऊपर उठाकर इतना मोड़े कि वे दूसरे व्यक्ति के सिर के ऊपर भूमि से समानांतर रहें / कुछ देर पश्चात् लौट आये। पैरों को ऊपर उठाने की क्रिया को दोनों व्यक्ति कर सकते हैं। . श्वास (दोनों व्यक्तियों के लिए) . लेटे हुए पूरक। पैरों को उठाते समय, अन्तिम तथा पूर्व स्थिति में आते समय कुंभक / पूर्वावस्था में आकर रेचक कीजिये। आवृत्ति प्रत्येक अभ्यासी द्वारा अधिक से अधिक पाँच बार किया जाये। सीमाएँ निर्बल व्यक्ति इसका अभ्यास न करें। भुजाओं एवं पीठ की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है। लाभ "उदर - प्रदेश को उत्तेजित करता है एवं आँतों को क्रियाशील बनाता है। 208