________________ शीर्षासन प्रथम अवस्था तृतीय अवस्था द्वितीय अवस्था शीर्षासन विधि प्रथम अवस्था- वज्रासन में बैठ जाइये / सामने झुकिये / केहुनियों को दूर-दूर जमीन पर टिकाइये / अंगुलियों को फँसाकर जमीन पर रखिये / / दोनों केहुनियों के मध्य डेढ़ फुट का अन्तर रहे / बँधी हुई अंगुलियों के समीप भूमि पर सिर के शीर्ष भाग को टिकाइये / द्वितीय अवस्था- यह ठीक से जाँच कर लीजिये कि सिर हाथों के मध्य ठीक तरह से जमा रहे तथा वजन पड़ने पर पीछे गिरने न पाये। घुटनों को जमीन से ऊपर उठाइये / पैर बिल्कुल सीधे रहें। तृतीय अवस्था- धीरे - धीरे पैरों को धड़ के समीप लाइये / घुटनों को मोड़िये ताकि पीठ सीधी तनी रहे / जाघों का दबाव उदर एवं निचली छाती पर रहे। धीरे-धीरे शरीर का वजन पैरों की अंगलियों से हटाकर हाथों तथा सिर .. पर स्थानान्तरित कीजिये / एक पैर को जमीन से कुछ ऊपर उठाइये / तत्पश्चात् यही क्रिया दूसरे पैर से कीजिए / इस अवस्था में शरीर हाथों . एवं सिर के सहारे सन्तुलित रहेगा। 191