________________ मेरु वक्रासन मेरु वक्रासन मेरु वक्रासन विधि पैरों को सीधे सामने फैलाकर बैठ जाइये / नितम्बों के पीछे दोनों ओर दोनों हाथों को बाजू में रखिये। . हाथों की अंगुलियाँ बाहर की ओर खुली रहें / बायें हाथ को दाहिनी ओर दाहिने हाथ के बगल में और बाएँ पैर को दाहिने घुटने के समीप बाहर की ओर लाएँ / दाहिने हाथ को कछ पीछे की ओर ले जाइये / सिर और .. कमर दाहिनी ओर मोड़िये / दोनों ओर 10 बार कीजिये। . श्वास : शरीर को मोड़ने के पूर्व पूरक कीजिए। मोड़ते समय कुंभक लगाइये। * पूर्व स्थिति में आने पर रेचक कीजिए। एकाग्रता पीठ की मांसपेशियों के शिथिलीकरण पर / लाभ मेरुदण्ड का व्यायाम कराकर उसे अर्ध मत्स्येन्द्रासन के लिए तैयार करता .. है। सामान्य पीठ दर्द के लिए भी उपयोगी है। 185