________________ आकर्ण धनुरासन प्रथम अवस्था . द्वितीय अवस्था आकर्ण धनुरासन विधि पैरों में कंधों की चौड़ाई के बराबर फासला छोड़ कर खड़े हो जाइये / दायें पैर से एक छोटा कदम आगे की ओर रखिये / अपनी दायीं मुट्ठी को कसिये और ऊपर बगल में ले आइये / बायीं मुट्ठी कसिये और दाधीं मुट्ठी से थोड़ी पीछे रखिये। बायीं मुट्ठी को सीधा पीछे की ओर बायें कान तक खींचिये मानो आप कोई धनुष खींच रहे हों। इसके साथ सिर भी थोड़ा पीछे करें / काल्पनिक धनुष की डोरी को ढीली छोड़ते हुए, गर्दन सीधी करते हुए अपनी बायीं मुट्ठी को सामने की ओर दायीं मुट्ठी के पास ले आइये / . इसी अभ्यास को शरीर के दूसरी ओर से दुहराइये। श्वास हाथ खींचते समय श्वास लीजिये तथा ढीले छोड़ते समय छोड़िये / लाभ यह भुजाओं, सीने व गर्दन की मांसपेशियों का विकास करता है / 98