________________ प्रणामासन प्रथम अवस्था द्वितीय अवस्था प्रणामासन वा वज्रासन में बैठ जाइये / रीढ़ सीधी रहे और हाथ घुटनों पर / अपने हाथों से नीचे की तरफ से पिण्डलियों के नीचे के भाग को पकड़िये / सामने की ओर झुकिये और अपने सिर के ऊपरी भाग को जमीन पर रखिये नितम्बों को उठाते हुए जाँघों को लम्ब रूप में सीधा कर लीजिये . वज्रासन में वापस आइये। श्वास वज्रासन की स्थिति में और उठते समय श्वास लीजिये / . झुकते समय श्वास छोड़िये। - प्रणाम की स्थिति में सहज श्वास-प्रश्वास चलने दीजिये। समय - अधिक से अधिक 10 बार अभ्यास कीजिये। . ... किसी भी आसन-क्रम के प्रारम्भ में इस आसन का अभ्यास न करें / सावधानी - सिर में चक्कर आने पर अथवा रक्तचाप में यह आसन नहीं करना - चाहिये। * साम यह आसन सिर में खून की अच्छी आपूर्ति करता है / ... यह शीर्षासन के अनेक लाभों को कुछ कम मात्रा में देता है।