________________ क्रम आगे झुक कर किये जाने वाले आसनों जैसे पश्चिमोत्तानासन, जमनुशिरासन आदि के लिये यह एक अच्छा विपरीत आसन है / अतः इसे आसन-क्रम में इस प्रकार रखा जाये कि इसका अभ्यास आगे झुक कर किये जाने वाले आसनों के बाद में हो। सावधानी घुटनों को हठपूर्वक जमीन स्पर्श कराने के लिये जाँघों और घुटनों की मांसपेशियों व संधि-बंधनों में अनावश्यक रूप से तनाव उत्पन्न न किया जाये / अपने शरीर की क्षमता एवं सम्भावनाओं को देखते हुए अन्तिम स्थिति पर धीरे-धीरे पहुँचना चाहिये। . सीमाएँ रीढ़ के निचले भाग के रोग जैसे हड्डी की टी. बी. से पीड़ित रोगियों को किसी योग शिक्षक अथवा डॉक्टर से पूछे बिना इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। समान आसन - उष्ट्रासन, मत्स्यासन / लाभ आमाशय के रोगों जैसे कब्ज के लिये यह आसन बहुत अच्छा है क्योंकि - यह आँतों को शक्ति के साथ फैलाता व संकुचित करता है। . पूरे शरीर को मस्तिष्क से जोड़ने वाले रीढ़ के मुख्य स्नायुओं में दबाव सामान्य रखने के लिये यह आसन बड़ा लाभकारी है। 83