________________ ... // अहम् // . .: / // षडशीतिभाष्यम् // . जीवाइपयत्थेसु, जिणोवइट्टे जा असद्दहणा / ' सद्दहणा वि य मिच्छा, विवरीयपरूवणा जा य // 1 // संसयकरणं जं पि य, जो तेसु अणायरो पयत्थेसु / तं पंचविहं मिच्छ, तंट्ठिी 'मिच्छदिट्ठी य // 2 // उवसमअद्धाइ ठिओ, मिच्छमपत्तो तमेव गंतुमणो / सम्मं आसायंतो, सासायणगो मुणेयव्वो // 3 // अह गुडदहीणि 'विसमाइभावसहियाणि हुंति मिस्साणि। ' भुजंतस्स तहोभय, तद्दिट्ठी मिस्सदिट्ठी य // 4 // तिविहे वि हु सम्मत्ते, 'थोवा वि न विरह जस्स कम्मवसा।। सो अविरउ ति भण्णइ, 'देसो पुण देसविरईए // 5 // विकहाकसायनिदासद्दाइरओ भवे पमत्तु ति / पंचसमिओ तिगुत्तो, . अपमत्तजई मुणेयव्वो // 6 // अप्पुव्वं अप्पुव्वं. जहुत्तरं जो करेइ ठिइखंडं / रसखंडं तग्घायं. . सो होइ अपुव्वकरणु त्ति // 7 // विणिवट्टति विसुद्धिं, 'समयपविट्ठा वि जत्थ' अन्नन् / . "तं तु नियट्ठिाणं, विवरीयमओ य अनियट्टी / / 8 / थूलाण लोभखंडाण वेयओ बायरो मुणेयव्यो / सुहुमाण होइ सुहुमो, उपसंतेहिं तु उवसंतो॥६॥ खीणंमि "मोहणीए, खीणकसाओ सजोगजोगि त्ति / होइ पउत्ता य तओ, अपउत्तो होइ हु अजोगी // 10 // जीवाणमभव्वाणं, मिच्छत्तमणाइअनिहणं नेयं / / भवियाणामणमणाई संतं पत्तंमि सम्मत्तं // 11 // 1 "मिच्छदिट्टीओ' इत्यपि। 2 "विसयामावरहियाणि" इत्यपि / 3 'होति” इत्यपि / 4 "हिट्ठीए मीसदिट्ठीओ" इत्यपि / 5 "थेवे'' इत्यपि / 6 “देसे पुण देसविरईओ॥” इत्यपि / 7 “पमत्तोत्ति" इत्यपि। ८"अपुवकरणो त्ति ॥'इत्यपि / 6 “समगपइट्ठा" इति “समयपइट्टा" इति वा पाठः। 10 "अन्नोन्न' इत्यपि / 11 "तत्तो' इत्यपि / 12 “अनियष्टि" इत्यपि / 13 “मोहणिज्जे" इत्यपि / /