________________ सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरणे अगणिवणं पखित्तं अगणित्ताए परिणामेइ, तहा जीवो वि जोगेहिं तप्पाओगे पोग्गले घेत्तणं ओरालियाइसरीरत्ताए परिणामेइ / “पाओगे चालंबई"त्ति, भासाइपाउग्गे पोग्गले अवलंबइ / जहा पायाइविगलो उट्ठाणचंकमणाईणि काउकामो लढि अवलंबइ मुयइ य कारणं पडुच्चा एवं जीवो वि "भासाणुपाणमणत्तणे खंघे" त्ति, भासाआणुपाणुमणुजोगे य खंधे अवलंबित्ता भामाआणुपाणुमणत्तं य पारिणामिय मुयंइ त्ति भणियं होइ / / 97 / / 101 / / अप्पयरपयडिबंधी उक्कडजोगी य सन्निपज्जत्तो / कुणइ परसुक्कोसं, जहन्नयं तस्स वच्चासे // 18 // 102 // मूलपयडी वा उत्तरपयडी वा जो थोवाउ बंधइ, उक्कडजोगी-उक्कोसजोगी मुण्णी पज्जत्तगो सव्वविसुद्धो उक्कोसगं पएसं बंधइ / जहण्णयं तस्स विवरीयं / उक्तं च- .. "सुहमनिगोया पज्जत्तगस्स पढमे जहण्णगे जोगे। सत्तण्हं पिजहण्णो आउगबंधे वि आउस्स।।९८॥१०२।। अट्ठविहबंधगस्स अट्ठहिं भागेहिं दलियं कीरइ / तस्स अप्पाबहुयंगहियदलियस्स भागो बहुठिकम्मेसु होइ कमवुड्डो। वेयलिए सब्बोवरि तस्स फुडुत्तं न जेणप्पे // 11 // 10 // आउयस्स थोवभागलद्धं / जो तेत्तीसं सागरोवमाइं उक्कोसट्ठी / नामस्स गोयस्स दोहावि तुल्लो विसेसाहिओ। जओ वीसं मागरोवमकोडाकोडी उक्कोसा टिई / नाणावरणीयस्स दंसणावरणीयस्स अंतरागस्स तिण्ह वि तुल्लो विसेसाहिओ / जओ तीसंसागरोवमकोडाकोडीओ उक्कोसहीई / मोहणीयस्स विसेसाहिओ। जओ सत्तरिकोडाकोडी उक्कोसा ठीई / वेयणीयस्स विसेमाहिओ। जओ तस्स फुडत्तं न जेण अप्पा / सुहं वा दुहं वा अप्पदलिएण न अणु हविजइ // 66 / 103 // उत्तरपयडीणं भण्णइ पयडीण सव्वघाईण होइ नियजाइदलणतंसो / बझतीण विभज्जइ सेसं सेसाणमणुस मयं // 100!104 // दसणावरणीयस्स नव उत्तरपयडीओ सव्वघाई छ पयडीओ, भागलद्धं दलियं सव्वत्थोवं देसघाई तिण्णि पयडीओ, भागलद्धं दलियं अणंतगुणं / नाणावरणीयस्स उत्तरपयडीओ पंचा एगा पयडी सव्वघाई, भागलद्धं दलियं सव्वत्थोवं देसघाइपयी चत्तारि, भागलद्धं दलियं अणंतगुणं / अंतरायस्स उत्तरपयडीओ पंच, पंच वि देसघाई, पंच पि भागो। मोहणीयस्स उत्तरपयडीओ छव्वीसं सव्वघाई तेरह, भागलद्धं दलियं सव्वत्थोवंः देसघाई वि तेरह, भागलद्धंदलियं अणंतगुणं / “वझंतोणं" ति, आउयस्स उत्तरपयडीओ चत्तारिः बभंतियस्स य भागो। नामस्स अट्ठबंधट्टाणा / तेवीसा, पणवीसा, छव्वीसा, अट्ठावीसा, उगुणतीसा, तीसा, एगतीसा एगा जसकित्ती 11 बझंतस्स भागो // 100||104 /